"आप" को हरा कांग्रेस को जिता ले गई भाजपा
न्यूज़ रिकॉल | जबलपुर
संवाददाता : दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग बिल के बहाने विक्तम कार्ड खेलकर विपक्ष को समेटने वाले केजरीवाल को लोकसभा के बाद राज्यसभा में पटखनी देने वाली भाजपा ने, एक तरफ तो आप को आईना दिखाया है, वही कांग्रेस को संजीवनी दे दी है। जिसके दूरगामी परिणाम भाजपा से कहीं ज्यादा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर देखने मिलेंगे। कानून के बहाने केजरी और मान की जोड़ी ने विपक्षियों में एका कराया। वे मन कि कांग्रेस से भी हां करवाया। जिसके चलते ढेड़ राज्य की पार्टी और एक दशक से भी कम का राजनीतिक अनुभव रखने वाले नेताओं को भारतीय राजनीति के महारथियों की बराबरी से बैठने का मौका मिला। लेकिन अब स्थिति भाजपा की मदद से कांग्रेस के लिए कुछ संतोषजनक है। लोकसभा में तो पूर्व निर्धारित था । लेकिन राज्यसभा एक आशा की किरण थी, लेकिन भाजपा ने मामला फ्लोर पर आने के पहले ही मैनेज कर लिया । यदि मामला विपक्ष के पक्ष में जाता तो गठबंधन की चौधरी बनी बैठी क
ांग्रेस के पैर कुछ कमजोर हो जाते। क्योंकि यहां केजरीवाल का कद बढ़ता, वे जीत का सेहरा अपने सर सजाए दिल्ली के सहारे लुटियन पर भी दावेदारी ठोक देते। केजरीवाल कांग्रेस के लिए कितने घातक हैं यह तो हम और आप से ज्यादा दिल्ली पंजाब गुजरात गोवा के कांग्रेसी जानते हैं। ऐसे में भाजपा की पटकनी ने सिर्फ संवैधानिक जीत दर्ज नहीं की है। उसने तो केजरीवाल की महत्वाकांक्षाओं पर भी ब्रेक लगाया है। जिसका सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस को होगा। कांग्रेस के तो ना हाथ मैले हुए न पैर और रंग चोखा हो गया। कांग्रेस की सच्चाई यह थी कि वह न तो इस बिल से कोई गिला रखती थी,न उसे केजरीवाल से कोई हमदर्दी थी। वह तो विपक्षी एका के नाम पर गले में हड्डी फसाए बैठी थी। कुल मिलाकर भाजपा की जीत मैं कांग्रेस अपनी जीत देख रही है। राजनीति में हर बात को कहा नहीं जाता कुछ न कहकर भी बहुत कुछ कह दिया जाता है। (राजनैतिक विश्लेषक अजय पांडे की लेखनी से सौजन्य